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Hanuman chalisa Fundamentals Explained

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होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा । नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता॥ हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। श्रीगुरु चरन सरोज रज, https://www.instagram.com/reel/DFWTy0gvMKk/
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